केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ कई राज्यों में प्रदर्शन हो रहा है। सेना में भर्ती की इस नई स्कीन को लेकर युवा वर्ग काफी नाराज है। इन्हीं सब सवालों के जवाब तलाशने के लिए एक निजी टीवी चैनल पर एक युवक ने राज्यवर्धन सिंह राठौड़ से सवाल किया। युवक ने पूछा- विधायक, सांसदों को पेंशन तो सैनिकों को क्यों नहीं? इसके जवाब में राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा कि तुम्हें किसने रोका।
युवक ने राज्यवर्धन राठौड़ से पूछा कि एक विधायक या सांसद अपने क्षेत्र में जितनी बार चुना जाता है। उसकी उतनी ही बार पेंशन बनती है। युवक ने कहा कि जो आर्मी वाला बंदा जिसको आप की सरकार ने चार साल के लिए कर दिया है, उसके लिए पेंशन भी नहीं है। चार साल बाद नौकरी से आने के बाद क्या वो दिहाड़ी मजदूरी करेगा। उसने कहा कि एक मीडिल और गरीब क्लास से आने वाला बंदा ही आर्मी की नौकरी करता है। उसके लिए भी सरकार ने 15 साल से हटाकर 4 साल कर दिया है। युवक ने कहा कि एक साल तो ट्रेनिंग के हो गए। एक साल वो सिस्टम को समझता है। बचे दो साल, इन साल में वो युवक क्या कर लेगा।
युवक के सवाल के जवाब में राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा कि विधायक, सांसद के चुनाव लड़ने के लिए आपको कोई रोक नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि अब बताता हूं कि विधायक और सांसद की जो पेंशन वो मात्र 1800-1500 रुपये है। उन्होंने कहा कि अग्निवीर बाहर जा रहा है, वो 12 लाख रुपये लगभग 4 साल की नौकरी के बाद मिलेगा। यानी 24 साल की उम्र में उसके पास 12 लाख रुपये होगा। साथ में सेना का सर्टिफिकेट और ट्रेनिंग भी है। सेना का ठप्पा भी है कि सेना में सर्विस करके आया है। इसके बाद उसके पास पूरा जीवन है कि वो अपनी जिंदगी में इसके बाद कुछ भी कर सकता है।
राठौड़ ने कहा कि मान लीजिए अगर वो खुद का काम करना चाहता है तो उसको लोन मिल जाएगा। अगर वो पुलिस में जाना चाहता है कि तो उसको अलग प्राथमिकता मिलेगी। वो हर तरह से अपना करियर आगे बढ़ा सकता है। उन्होंने कहा कि 24 साल में युवा अपनी पढ़ाई ही खत्म कर रहे होते हैं, उसके बाद कोई गारंटी नहीं होती की जॉब लग ही जाएगी।