हैदराबाद: कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन (Lockdown) में एक महिला काफी चर्चा में आई थी, जिसने स्कूटर पर 1400 किलोमीटर का सफर तय करके अपने बेटे को रेस्क्यू किया था. वही, महिला एक बार फिर से खबरों में है और वजह भी कुछ हद तक वैसी ही है. यानी उसका बेटा फिर मुश्किल में है. हालांकि, हालात पहले से बिल्कुल जुदा और ज्यादा खतरनाक हैं. तेलंगाना (Telangana) के निजामाबाद जिले के सरकारी स्कूल में शिक्षिका रजिया बेगम (Razia Begum) का बेटा यूक्रेन (Ukraine) में फंसा हुआ है.

एमबीबीएस कर रहा है बेटा
शिक्षिका रजिया बेगम अपने बेटे निजामुद्दीन अमन (Nizamuddin Aman) की सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना कर रही हैं. निजामुद्दीन यूक्रेन के सूमी शहर में एमबीबीएस प्रथम वर्ष का छात्र है. सूमी रूसी सीमा के करीब स्थित है और अधिकांश भारतीय छात्र सूमी स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी से ताल्लुक रखते हैं. यूक्रेन से जो खबरें सामने आ रही हैं, उससे रजिया बेहद डरी हुई हैं. गौरतलब है कि एक भारतीय छात्र की रूसी सेना की गोलाबारी में मौत हो गई है जबकि एक छात्र गंभीर रूप से घायल हुआ है.

मां ने PM-CM से लगाई गुहार
रजिया बेगम ने रूस और यूक्रेन के बीच तनावपूर्ण गतिरोध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, राज्य के गृह मंत्री मोहम्मद महमूद अली से उनके बच्चे और अन्य भारतीय छात्रों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया है. इस मां ने गुरुवार को न्यूज एजेंसी PTI को बताया कि निजामुद्दीन अमन बंकरों में बंद है और फोन पर उससे बात हो पा रही है. उन्होंने कहा, ‘उसने मुझे आश्वस्त करने के लिए फोन किया कि वह ठीक है और मुझे उसके बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है, जिस जगह वह अभी रह रहा है, वहां से परिवहन संपर्क कट गया है’.

तब पूरा किया था कठिन सफर
दो साल पहले, रजिया बेगम ने कोरोना लॉकडाउन लागू होने के बाद पड़ोसी आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले में फंसे अपने बेटे को वापस लाने के लिए एक लंबी और कठिन यात्रा की थी. स्थानीय पुलिस की अनुमति के साथ वह अकेले ही नेल्लोर गईं थीं और अपने छोटे बेटे को साथ लेकर ही लौटी थीं. एक अनुमान के मुताबिक, रजिया ने स्कूटर से 1400 किलोमीटर का सफर तय किया था. हालांकि, अब हालात बिल्कुल जुदा हैं, वो चाहकर भी अपने बेटे को मुसीबत से निकालने नहीं जा सकतीं