हरिद्वार: किसानों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर करोड़ों के ऋण फ्रॉड के मामले में फरार चल रहे इकबालपुर शुगर मिल के तत्कालीन केन मैनेजर और एकाउंट मैनेजर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जबकि पंजाब नेशनल बैंक के तत्कालीन मैनेजर और अन्य दो आरोपी अब भी फरार हैं।
आपको बता दें कि साल 2021 में हरिद्वार के झबरेड़ा थाना क्षेत्र में किसानों के नाम पर फर्जी दस्तावेज बनाकर 36 करोड़ रुपए से अधिक का क्रॉप लोन लेने का मामला सामने आया था। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब सम्बंधित किसानों के घर पर लोन अदायगी के नोटिस पहुंचे। नोटिस को लेकर हैरान-परेशान किसानों ने इस मामले की शिकायत थाने में की। पीड़ित किसानों द्वारा इस मुद्दे को डीजीपी के जनता दरबार में भी उठाया गया था। किसानों के शिकायत करने पर इस मामले की जांच शुरू की गई। जांच में पता लगा कि ये धोखाधड़ी पीएनबी इकबालपुर शाखा और शुगर मिल प्रबंधन दोनों ने मिलकर की है। इकबालपुर थाने के तत्कालीन चौकी प्रभारी मोहन कठैत ने साल 2021 में शुगर मिल प्रबंधन और पीएनबी इकबालपुर शाखा के तत्कालीन मैनेजर के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था। लेकिन आरोपी तब से फरार चल रहे थे।
36 करोड़ 50 लाख रुपए का क्रॉप लोन
इसके बाद से CBI और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) मिलकर इस मामले की छानबीन कर रहे थे। छानबीन के दौरान जानकारी मिली थी कि पंजाब नेशनल बैंक इकबालपुर शाखा तत्कालीन मैनेजर और शुगर मिल प्रबंधन के तत्कालीन केन मैनेजर और एकाउंट मैनेजर ने मिलकर इस धोखाधड़ी के मामले को अंजाम दिया। आरोपियों ने 2008 से लेकर साल 2020 तक किसानों और मजदूरों के नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर 36 करोड़ 50 लाख रुपए का क्रॉप लोन लिया था।
दो गिरफ्तार, 3 अभी भी फरार
जिसमें जांचकर्ता निरीक्षक वेद प्रकाश थपलियाल ने इस मामले में संलिप्त 5 आरोपियों को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किए गए थे। लेकिन नोटिस का कोई भी जवाब नहीं मिल पाया। लेकिन शनिवार 2 नवंबर 2024 को कार्रवाई करते हुए पुलिस और सीबीसीआईडी ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिनमें शुगर मिल के केन मैनेजर पवन ढींगरा और एकाउंट मैनेजर उमेश शर्मा शामिल हैं। जबकि बैंक मैनेजर समेत तीन अन्य आरोपी अब भी फरार हैं।