राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्राथमिक क्षेत्र के लिए 40,158 करोड़ के ऋण वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 32.53 प्रतिशत है। इसमें कृषि क्षेत्र में फसल ऋण, अवस्थापना विकास, फसल प्रबंधन, मार्केटिंग, दुग्ध विकास, मत्स्यपालन क्षेत्र में 16,241.36 करोड़ रुपये शामिल है।

सुभाष रोड स्थित होटल में नाबार्ड की ओर से आयोजित स्टेट क्रेडिट सेमिनार में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने स्टेट फोकस पॉलिसी पेपर 2024-25 का विमोचन किया। सीएम ने कहा, नाबार्ड ने कृषि, बागवानी व एमएसएमई के विकास के लिए 40 हजार करोड़ से अधिक ऋण योजना तैयार की है। छोटे किसानों के साथ छोटे व मझौले उद्योगों में लगे लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।

कहा, इस ऋण व्यवस्था की सही निगरानी भी अत्यंत आवश्यक है। जरूरतमंद और योग्य लोगों को आसानी से ऋण उपलब्ध कराने की सबसे बड़ी भूमिका बैंकों की है। बैंकों को ध्यान देना होगा कि जरूरतमंद और योग्य लोगों को ऋण संबंधित औपचारिकताओं के लिए अनावश्यक न भटकना पड़े। इसके लिए प्रत्येक बैंक को तय ऋण लक्ष्य के साथ काम करना होगा।

सीएम ने कहा, राज्य की महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। उन्होंने नाबार्ड के अधिकारियों से आग्रह किया कि महिलाओं के लिए विशेष योजना प्रारंभ करें। सशक्त बहना उत्सव योजना समेत अन्य योजनाओं के लिए बैंकों से ऋण लेने की प्रक्रिया का सरलीकरण होना जरूरी है। कहा, पर्वतीय क्षेत्रों में ऋण आवंटन के लिए विशेष अभियान चलाया जाए।

कहा, रिवर्स पलायन में सरकार काम रही है, बैंक भागीदार बनें। सरकार का मकसद शहरों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों का समान रूप से विकास करना है। इस मौके पर कृषि मंत्री गणेश जोशी, सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनंद बर्द्धन, सचिव बीवीआरसी पुरूषोत्तम, एचसी सेमवाल, एसएन पांडेय मौजूद थे।


तीन जिलों में बढ़ाया जाए ऋण वितरण
सीएम ने कहा, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और टिहरी जिले में ऋण वितरण कम है। इन जिलों में ऋण आवंटन बढ़ाने पर ध्यान दिया जाए। पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम के 7.60 लाख लाभार्थी हैं और 6.89 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिए गए हैं। राज्य में बागवानी, सगंध फसल, जड़ी बूटी, डेयरी, मत्स्य, मधुमक्खी पालन, मशरूम पालन, जैविक कृषि की काफी संभावनाएं हैं। इन क्षेत्रों में ऋण वितरण बढ़ाने के लिए भी बैंक विशेष कैंप चला सकते हैं।

कृषि व उद्योगों को बढ़ावा देना नाबार्ड की प्राथमिकता
नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक विनोद कुमार बिष्ट ने नाबार्ड की ओर से प्राथमिक क्षेत्र में ऋण वितरण की संभावनाओं के बारे में जानकारी दी। कहा, कृषि एवं ग्रामीण विकास, लघु उद्योगों को बढ़ावा देना, वित्तीय साक्षरता व सूक्ष्म ऋण को लोगों तक पहुंचाना नाबार्ड की प्राथमिकता है। पिछले वर्ष की तुलना में 2024-25 में खेती किसानी और उद्योग क्षेत्र में 40158 करोड़ का ऋण वितरण की संभावना है।

सेक्टर ऋण आवंटन का लक्ष्य
कृषि 16241.36 करोड़
उद्योग 19776.20 करोड़
अन्य क्षेत्र 4140.90 करोड़
कुल- 40158.46 करोड़