Saturday, December 21, 2024
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अनुराधा पौडवाल ने थामा बीजेपी का हाथ, पार्टी में शामिल होने पर जाहिर की खुशी

बॉलीवुड की मशहूर सिंगर अनुराधा पौडवाल लोकसभा चुनाव से कुछ समय पहले ही बीजेपी में शामिल हो गई हैं। उन्होंने पार्टी जॉइन करने के बाद खुशी जाहिर की। अनुराधा पौडवाल ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में रामलला की स्थापना के दौरान भजन गाया था। अनुराधा पौडवाल का हमेशा से ही सनातन से जुड़ाव रहा है। अब वह ज्यादातर भक्ति गीत और भजन ही गाती हैं। हालांकि ऐसा भी वक्त था, जब बॉलीवुड में अनुराधा पौडवाल की तूती बोलती थी। उन्होंने ऐसे वक्त में म्यूजिक इंडस्ट्री में कदम जमाए थे, जब लता मंगेशकर और आशा भोसले से लेकर अल्का याग्निक तक का जलवा था। फिर वह समय भी आया जब अनुराधा पौडवाल की तुलना लता मंगेशकर से होने लगी। लेकिन करियर के पीक पर उन्होंने बॉलीवुड में गाना छोड़ दिया और फिल्म इंडस्ट्री से भी दूरी बना ली। आखिर इसकी वजह क्या थी? इसका खुलासा खुद अनुराधा पौडवाल ने किया था।

Anuradha Paduwal ने साल 1973 में फिल्म ‘अभिमान’ से म्यूजिक की दुनिया में एंट्री की थी। तब उन्होंने फिल्म में जया भादुड़ी (अब बच्चन) के लिए संस्कृत श्लोक गाए थे। बाद में उन्होंने कुछ और गाने गाए, लेकिन उन्हें पॉपुलैरिटी 1983 में आई फिल्म ‘हीरो’ के गाने ‘तू मेरा जानू है’ से मिली। इसके बाद से अनुराधा पौडवाल ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने एक के बाद एक जबरदस्त हिट गाने गाए, जो आज भी मशहूर हैं। अनुराधा पौडवाल ने उदित नारायण, कुमार सानू और अभिजीत भट्टाचार्य जैसे सिंगर्स के साथ खूब गाने गाए, जो सुपरहिट रहे।

अनुराधा पौडवाल ने इसलिए बॉलीवुड से किया था किनारा
लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि अनुराधा पौडवाल ने बॉलीवुड के लिए गाना छोड़ दिया। सिर्फ बॉलीवुड ही नहीं, बल्कि उन्होंने उड़िया से लेकर मराठी इंडस्ट्री के लिए भी गाना छोड़ दिया। वह सिर्फ भक्ति गीत और भजन ही गाने लगीं। इस बारे में अनुराधा पौडवाल ने एक इंटरव्यू में बताया था कि अब उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री से दूरी बना ली है। उन्होंने इसकी वजह फिल्मों का बदला स्वरूप बताई। यही बात अनुराधा पौडवाल ने तब कही थी, जब वह एक बार कपिल शर्मा के कॉमेडी शो में आई थीं। यह साल 2021 की बात है। तब अनुराधा पौडवाल ने कपिल शर्मा के सवाल के जवाब में कहा था कि फिल्म इंडस्ट्री में डायरेक्टर्स, प्रड्यूसर्स या किसी फिल्म के हिट होने पर या हीरो-हीरोइन कौन है, इसके हिसाब से गाने मिलते हैं। वह इनसिक्योर करने वाला था।

अनुराधा पौडवाल ने यह भी कहा था कि पहले ऐसी फिल्में बनती थी, जिनमें म्यूजिक को तवज्जो दी जाती थी। वो म्यूजिक ओरिएंटेड होती थीं। लेकिन बाद में सब बदल गया। गानों के बोल भी मीठे नहीं रहे। ऐसे में अनुराधा पौडवाल ने फिल्म इंडस्ट्री और गानों से किनारा कर लिया और भक्ति गीतों में रम गईं।