दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के मौके पर हुई हिंसा के बाद उत्तरी दिल्ली नगर निगम जहांगीरपुरी में अवैध झुग्गियों और दुकानों पर कार्रवाई कर रहा था। अवैध निर्माण पर नगर निगम के बुल्डोजर चल रहे थे लेकिन बुल्डोजर कार्रवाई पर प्रशासन को ब्रेक लगाना पड़ा क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यथास्थिति बरकरार रखी जाए। जमियत-उलेमा-ए-हिन्द ने बुल्डोजर कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी जिसपर कोर्ट ने टिप्पणी की है।
जमियत-उलेमा-ए-हिन्द ने कोर्ट में दलील दी है कि इस कार्रवाई से पहले लोगों को कोई नोटिस नहीं दी गई। वहीं कल फिर इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। वहीं उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर राजा इकबाल सिंह ने कोर्ट की टिप्पणी के बाद कहा कि, “हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे और उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे। सुप्रीम कोर्ट द्वारा हिंसा प्रभावित जहांगीरपुरी में नगर निगम द्वारा किए जा रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया गया है।”
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कमिश्नर संजय गोयल ने कहा कि, “हमें जहांगीरपुरी इलाके में अतिक्रमण विरोधी अभियान पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बारे में पता चला है। पहले आदेश पढ़ेंगे और फिर उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे।”
वहीं इसको लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। असदुद्दीन ओवैसी और आम आदमी पार्टी ने बुल्डोजर वाली कार्रवाई का विरोध किया है। दिल्ली के ओखला क्षेत्र से ‘आप’ विधायक अमानतुल्लाह खान ने बुधवार को टि्वटर पर एक वीडियो संदेश जारी किया। इसमें उन्होंने कहा कि अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत रमजान के पवित्र महीने में जहांगीरपुरी इलाके में एक विशेष समुदाय के लोगों को परेशान करने के लिए उनके घरों को तोड़ने से क्षेत्र में माहौल और खराब हो जाएगा। देश का माहौल पहले ही खराब हो चुका है और इसे और खराब करने की कोशिश की जा रही है। अमित शाह और भाजपा दिल्ली के शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ना चाहते हैं।”
वहीं बुल्डोजर कार्रवाई को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि यूपी और एमपी की तरह दिल्ली में भी घर तोड़े जायेंगे। बीजेपी ने गरीबों के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है। अरविन्द केजरीवाल को भी अपनी भूमिका स्पष्ट करनी चाहिए क्योंकि जहांगीरपुरी के लोगों ने उन्हें भी वोट दिया है।