पंजाब में कुछ समय बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले बुधवार को फिरोजपुर के हुसैनीवाला की सभा में पीएम मोदी के पहुंचने से रोकने के लिए रास्ते में बाधा खड़े करने का मुद्दा गरमा गया है। दैनिक ट्रिब्यून के मुताबिक फिरोजपुर डीआईजी इंदरबीर सिंह और एसएसपी हरमनदीप सिंह हंस फिरोजपुर जिले में पीएम का स्वागत करने वाले थे, लेकिन 200 प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम कर रखा था। इससे वे पहुंच नहीं सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले को एक फ्लाईओवर पर 15 से 20 मिनट तक रुकना पड़ा। इस दौरान पास के गुरुद्वारे से इसकी घोषणा कर दी गई। उसको सुनकर वहां और अधिक किसान पहुंच गए। तब प्रधानमंत्री की सुरक्षा जोखिम में देख एसपीजी टीम को उनको वहां से निकालने का फैसला करना पड़ा।
पीएम की सुरक्षा में चूक पर कई नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रसाद नड्डा ने कहा, “यह दुःखद है कि पंजाब के लिए हजारों करोड़ की विकास परियोजनाओं को शुरू करने के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का दौरा बाधित हो गया। लेकिन, हम ऐसी घटिया मानसिकता को पंजाब की तरक्की में बाधक नहीं बनने देंगे और पंजाब के विकास के लिए प्रयास जारी रखेंगे।”
असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “यह शर्म की बात है कि पंजाब के कल्याण के लिए विकास योजनाओं को शुरू करने के रास्ते में प्रदर्शनकारियों ने पीएम मोदी के काफिले को रोक दिया। यह एक गंभीर सुरक्षा चूक है। तथ्य यह है कि पंजाब के मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे को और भी बदतर बना दिया है।”
उन्होंने कहा, “जहां पीएम पंजाब के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं, वहीं आज की घटना से पता चलता है कि कैसे कांग्रेस को विकास में कम दिलचस्पी है और वह केवल राजनीति करना चाहती है। महत्वपूर्ण सीमावर्ती राज्य में इस तरह के सुरक्षा उल्लंघन की उच्चतम स्तर पर जांच होनी चाहिए।”
प्रधानमंत्री को फिरोजपुर में चंडीगढ़ स्थित स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (पीजीआईएमईआर) के ‘उपग्रह केंद्र’ और दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे सहित 42,750 करोड़ रुपये से अधिक की लागत की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास करने का कार्यक्रम था। बाद में एक रैली को संबोधित करने का भी उनका कार्यक्रम था।
नड्डा ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि सबसे चिंताजनक बात यह है कि इस दौरान प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक हुई। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों को प्रधानमंत्री के रास्ते में आने दिया गया जबकि राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक ने एसपीजी को आश्वासन दिया था कि रास्ता साफ है। उन्होंने कहा, ‘‘मामला तब और गंभीर हो जाता है जब मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी फोन पर बात करने या मामले का समाधान करने को भी तैयार नहीं हुए। पंजाब की सरकार का यह रवैया लोकतांत्रिक सिद्धांतों में विश्वास करने वाले सभी लोगों को टीस देने वाला है।’’